सेतु बांध आसन – विधि – लाभ

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 Steps

  •  पीठ के बल लेट जाएं. घुटनों को मोड़कर तलवों को अच्छी तरह से ज़मीन पर टिकाएं.
  •  शरीर के दोनों तरफ बांहों को भूमि से लगकर रखें. इस अवस्था में हथेलियां ज़मीन पर टिकी होनी चाहिए.
  •   सांस छोड़ते हुए रीढ़ की हड्डियों को खींचे और कमर को ज़मीन की ओर धीरे से दबाएं.
  •  गहरी सांस लेत हुए पैरों को ज़मीन की ओर दबाएं एवं पेडु को जितना हो सके ऊपर की ओर उठाएं.
  •  इस मुद्रा में 30 सेकेण्ड से 1 मिनट तक बने रहें.
  •  सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे सामानय अवस्था में लौट आएं.

 Benefits 
इस आसन से छाती को फैलने का पूरा अवसर मिलता है. कमर और रीढ़ की हड्डियों को सुदृढ़ बनाये रखने के लिए भी यह आसन बहुत ही कारगर होता है. सेतु बांध योग मुद्रा से मेरूदंड लचीला होता है साथ ही गर्दन से तनाव भी दूर होता है. पेट की मांसपेशियों एवं जंघाओं के लिए भी यह एक अच्छा व्यायाम होता है.जब आप इस योग आसन का अभ्यास करते है तो शरीर में उर्जा का संचार होता है.

 

Precaution
सेतु बांध आसन का अभ्यास करते समय कुछ सावधानियों का ख्याल रखना चाहिए. अगर गर्दन में, घुटनों में, कंधों में अथवा कमर में किसी प्रकार की परेशानी हो तो सेतु बंध आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए.इस आसन का अभ्यास उन्हें भी नहीं करना चाहिए जो उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं.

 

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